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अपनी धरोहर




गीत(अपनी धरोहर)


मान नहीं कर सकते हो तो,
मत करना अपमान कभी।
आदर करना जब सीखोगे,
पाओगे सम्मान तभी।।

यही सनातन धर्म राष्ट्र का,
यही तो रीति पुरानी है।
विश्व मानता लोहा अपना,
अपनी प्रीति कहानी है।
भारत की मानवता उत्तम,
जिसको करते नमन सभी।।
     पाओगे सम्मान तभी।।

रहे धरोहर सदा सुरक्षित,
बस प्रयास यह करना है।
मेल-जोल से जीवन बीते,
श्याम-श्वेत से बचना है।
उत्तर-दक्षिण,पूरब-पश्चिम,
सोच न उपजे गलत कभी।।
       पाओगे सम्मान तभी।।

बनो सहायक मानव हो तुम,
सुंदर सोच बढ़ाने में।
ऊँच-नीच का भाव न पनपे,
जीवन-बाग सजाने में।
आदर देकर मिलता आदर,
मान बढ़ेगा शीघ्र अभी।।
       पाओगे सम्मान तभी।।

तुम हो रचना श्रेष्ठ जगत की,
जग-आभूषण-शान तुम्हीं।
विधि-विधान के प्रतिनिधि जग में,
एकमात्र पहचान तुम्हीं।
शुद्ध सोच के हो परिचायक-
सबसे तेरी सदा निभी।।
     पाओगे सम्मान तभी।।



                ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                 9919446372

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5 Comments

Punam verma

03-Jun-2023 10:26 AM

Very nice

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खूबसूरत गीत

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Varsha_Upadhyay

02-Jun-2023 06:00 PM

👏👌

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